बिकरू कांड के बाद पहली बार गांव पहुंची विकास दुबे की मां सरला देवी ने गांव में ही डेरा डाल दिया है. वह फिलहाल गांव में ही रूक गई हैं. अपने प्रवास के दूसरे दिन वह हर उस प्रभावित परिवार से मिलीं, जिनके घर का कोई सदस्य पुलिस मुठभेड़ में मारा गया या अब जेल में है. यही नहीं उन्होंने गांव वालों से हाथ जोड़कर दो जुलाई को हुई घटना के लिए माफी मांगी. रुंधे हुए गले से उन्होंने माना कि उन्होंने एक ऐसे कपूत को जन्म दिया, जिसकी वजह से कई लोग मारे गए. गैंगस्टर विकास दुबे की मां सरला देवी मंगलवार को अपने एक रिश्तेदार के साथ गांव पहुंची थीं. माना जा रहा था कि वह लौट जाएंगी, मगर वह गांव में रुक गई. सूत्रों के मुताबिक उन्होंने उमा शंकर के घर पर रात बिताई. उमा शंकर ने पिछले दिनों चौबेपुर थाने में नाटकीय ढंग से पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया था, जिसमें उसकी थाने के बाहर लेटी हुई तस्वीर खूब वायरल हुई थी. सुबह उठकर सरला देवी ने सबसे पहले गांव के मंदिर में पूजा अर्चना की. इसके बाद वह हर उस परिवार के मिलने खुद चलकर उनके घर गईं, जिनका कोई अपना पुलिस मुठभेड़ में मारा गया है या जेल में है.
गौरतलब है कि बिकरू कांड के बाद पुलिस ने दूसरे दिन ही विकास के घर के सामने रहने वाले मामा प्रेम शंकर पांडेय व चचेरे भाई अतुल दुबे को मुठभेड़ में मार गिराया था. इसके बाद पुलिस ने प्रभात मिश्रा, अमर दुबे, प्रवीन शुक्ला के बाद विकास दुबे को भी एनकाउंटर में ढेर कर दिया था. वहीं 36 लोग इस समय जेल में हैं, जिसमें गांव के करीब दो दर्जन लोग हैं. बताया जाता है कि एक दौरान कई परिवारों ने सरला देवी से नाराजगी भी जताई की वारदात के बाद उनकी किसी ने सुध नहीं ली. एक महिला ने उनसे यहां तक कह दिया कि अम्मा विकास दुबे ने गांव को तबाह कर दिया. इस पर सरला देवी ने लोगों से हाथ जोड़ कर बेटे की करनी पर माफी मांगी. उन्होंने साफ लफ्जों में स्वीकार किया कि विकास से कई परिवार तबाह हो गए. उन्होंने कहा कि ऐसा कपूत उनकी कोख से पैदा हुआ, जो सबको खा गया. खानदान की नस्लें तबाह कर दीं. उन्होंने लोगों को भरोसा दिलाया कि वह सबके सुख दुख में भागीदार बनेंगी. हालांकि जो ग्रामीण इस केस से दूर है, उन्होंने सरला देवी से भी दूरी बनाए रखी और उनसे बातचीत करने से परहेज किया.