भारत का इतिहास स्वर्ण अक्षरों में लिखा हुआ है क्योंकि इसका इतिहास इतना गहरा है कि कोई एक इंसान इसकी गहराई तक नहीं पहुंच सकता और आज हम आपको भारत के कुछ ऐसे किलो किलो के बारे में बताएंगे जिन की रहस्यमई कहानियां जानकर आप भी हैरान हो जाएंगे. मध्यप्रदेश के भोपाल के नजदीक रायसेन नामक जिले जिले रायसेन नामक जिले में रायसेन का किला है,जिसमें बताया जाता है कि इस किले इस किले की रक्षा आज भी होती है लेकिन किसी इंसान के द्वारा नहीं बल्कि जिन्न के द्वारा और इसके लिए की रक्षा रक्षा जिन एक वजह से करते हैं उस वजह को पारस पत्थर बताया जाता है जी हां वही पारस पत्थर जिसके छूने से मिट्टी भी सोना हो जाती है आपने भी पारस पत्थर का नाम जरूर सुना होगा लेकिन शायद ही को यह जानता हूं कि यह पारस पत्थर आखिर कैसा होता है और यह पारस पत्थर सोना कैसे बनाता है,यह भी आपको नहीं पता होगा मध्यप्रदेश के भोपाल में रायसेन के किले में आज भी पारस पत्थर मौजूद है ऐसा यहां के स्थानीय लोग बताते हैं और पारस पत्थर की सुरक्षा में हर वक्त जिन तैनात रहते हैं,यह किला बालू के पत्थरों से बना हुआ है और एक पहाड़ी पर या किला मौजूद है जो कि काफी दूर से ही देखा जा सकता है बालू के पत्थरों से बना हुआ यह किला आज भी उसी मजबूती के साथ खड़ा है इतिहास में यह बताया जाता है कि इस किले में जो राजा थे उनके पास पारस पत्थर था और उस पारस पत्थर को पाने के लिए कई बार इस क्षेत्र में युद्ध भी हुआ युद्ध में राजा हार गया लेकिन राजा ने हारने के बावजूद भी पारस पत्थर किसी को नहीं दिया राजा ने किले के पास ही मौजूद एक तालाब में पारस पत्थर को फेंक दिया और उसके बाद वह पारस पत्थर किसी को भी नहीं मिल पाया इसके लिए पर राज करने वाले राजा रायसेन के साथ ही पारस पत्थर भी गायब हो गया लेकिन लोग ऐसा मानते हैं कि आज भी इस महल की की और पारस पत्थर की रक्षा एक जिन्न रातों दिन कर कर रहा है यूं तो देश और दुनिया से तमाम लोग आज भी पारस पत्थर की खोज कर रहे हैं लेकिन अब पारस पत्थर का राज हमेशा के लिए लगभग दफन हो चुका है.
कौन कौन से है भारत के रहस्यमय किले?
-
मध्यप्रदेश के उमरिया जिले का बांधवगढ़ का किला
मध्यप्रदेश के उमरिया जिले में मौजूद है बांधवगढ़ का किला जो कि आज भी अपने अंदर कई रात समेटे हुए हैं भारत के अद्भुत इतिहास के कई राज आज भी इस किले में दफन है जो आज हम आपको इस वीडियो हम आपको इस वीडियो में बताएंगे इसके लिए में भगवान विष्णु की लेटी हुई एक में भगवान विष्णु की लेटी हुई एक लेटी हुई एक मूर्ति भी है जिसका आकार काफी बड़ा है इस मूर्ति में ही काफी ऐसे रहस्य हैं जो लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करती है बांधवगढ़ किले का नाम पहाड़ के नाम पर रखा गया था जिस पहाड़ पर यह किला मौजूद है.
-
महाराष्ट्र के पनवेल में प्रबलगढ़ दुर्ग की पहाड़ियां
महाराष्ट्र के पनवेल में प्रबलगढ़ दुर्ग अपने खतरनाक पहाड़ों के लिए दुनिया भर में जाना जाता है इसी दुर्ग को कलावंती दुर्ग भी कहते हैं कलावंती दुर्ग का किला 23100 पुटकी पुटकी एक ऊंची पहाड़ी पर स्थित है और इसके लिए पर चढ़ने के लिए चट्टानों को काटकर इस पर सीढ़ियां बनाई गई हैं पकड़ने के लिए ना आए रस्सी रस्सी है ना ही कोई रेलिंग पर ऐसा रास्ता कि मानो 23000 फुट से अभी आप नीचे ही गिर जाएंगे.
-
झांसी के किले से 28 किलोमीटर दूर गढ़कुंडार किला
झांसी के किले से 28 किलोमीटर दूर गढ़कुंडार में भी एक ऐसा ही किला है जो कि काफी कि काफी रहस्य में है इस किले में 2 फ्लोर हैं और यह एक भूलभुलैया की तरह है इसके लिए लिए लिए की तरह है इसके लिए लिए लिए में आने वाले लोग अक्सर किले के दूसरे छोर से कब बाहर निकल जाते हैं उन्हें पता ही नहीं चलता और कई बार तो इसके लिए मैं लोगों की खो जाने जाने की वजह से मौत भी हो चुकी है