केंद्र सरकार के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट सेंट्रल विस्टा यानी राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में नई संसद से जुड़े निर्माण संबंधी एक याचिका पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की. इस दौरान अदालत ने कहा कि सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट वाली जगह पर कोई भी पेड़ नहीं काटा जाएगा. सुप्रीम कोर्ट की एक पीठ ने याचिकाओं के एक समूह पर सुनवाई की जिसमें केंद्र सरकार द्वारा सेंट्रल विस्टा के निर्माण कार्य के तरीकों पर आपत्ति जाहिर की गई है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह सेंट्रल विस्टा परियोजना का विरोध करने वाली लंबित याचिकाओं पर कोई फैसला आने तक निर्माणकार्य या इमारतों को गिराने की अनुमति नहीं देगा.
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने ‘सेंट्रल विस्टा’ परियोजना के निर्माण को लेकर सरकार के विचारों की जानकारी देने के लिए केंद्र को पांच मिनट का समय दिया. अदालत ने कहा कि केंद्र सेंट्रल विस्टा परियोजना के लिए आवश्यक कागजी कार्य कर सकता है एवं नींव रखने के प्रस्तावित समारोह का आयोजन कर सकता है. केंद्र ने न्यायालय को भरोसा दिलाया कि वह मामले पर शीर्ष अदालत का फैसला आने तक सेंट्रल विस्टा परियोजना के लिए इमारत गिराने या निर्माण का काम नहीं करेगा. हालांकि कोर्ट ने न्यायालय ने केंद्र को सेंट्रल विस्टा परियोजना के लिए आधारशिला रखने का कार्यक्रम आयोजित करने की मंजूरी दी. बता दें 10 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नई संसद की आधार शिला रखेंगे.