कानपुर:- देशव्यापी लॉकडाउन के बीच गुजरात के गोधरा से आज फिर श्रमिक स्पेशल ट्रेन मंगलवार को करीब ढाई बजे कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन पहुंचेगी,24 डिब्बों वाली ट्रेन करीब डेढ़ हजार मजदूरों को लेकर कानपुर आएगी। आपको बता दें कि सोमवार देर रात को गोधरा स्टेशन से यह श्रमिक स्पेशल ट्रेन कानपुर के लिए रवाना हुई थी,जो आज दोपहर करीब 2:30 बजे कानपुर पहुंचेगी।
बताया जा रहा है कि इस ट्रेन में कानपुर के साथ-साथ 35 से 40 जिलों के मजदूर सफर कर रहे हैं,वही सेंट्रल पर जीआरपी और आरपीएफ जवानों को मुस्तैद रहने के लिए कहा गया है। इसके पहले रविवार को भी अहमदाबाद के साबरमती स्टेशन से स्पेशल ट्रेन कानपुर सेंट्रल पहुंची थी। जिसमें प्रदेश के 52 जिलों के 12 से अधिक यात्री आए थे, आपको बता दें कि कानपुर में बड़ी तादाद में यात्रियों का आना कानपुर के लिए खतरनाक माना जा रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि कानपुर शहर रेड जोन में है और यहां रोज नए नए मामलों की बड़ी संख्या सामने आ रही है,ऐसे में कोरोना वायरस की महामारी के बीच जहां लोगों को एक जगह रुकने के लिए निर्देशित किया गया है।
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कानपुर रेड जोन में होने के बावजूद भी मजदूरों को यहां उतारा जा रहा है,यह कानपुर के लिए काफी खतरनाक हो सकता है,वही आपको बता दे की कानपुर में इन प्रवासी मजदूरों को उतारकर अलग-अलग जिलों में बसों द्वारा भेजा जाएगा। लेकिन इस पर भी कई सवाल उठाए जा रहे हैं, क्योंकि ट्रेन से उतरने वाले यात्री कानपुर के आसपास के कम ही होते हैं,इसलिए उन्हें ट्रेन से ही उनकी मंजिल तक आगे पहुंचाना चाहिए।
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साबरमती से आई स्पेशल ट्रेन के 1200 से अधिक यात्रियों में करीब ढाई सौ यात्री ही कानपुर और उसके आसपास के जिलों के थे,बल्कि ज्यादातर यात्री पूर्वांचल के थे। ऐसे में यात्रियों को प्रयागराज या पूर्वांचल किसी स्टेशन पर उतारना ज्यादा उपयुक्त होता,साथ ही रोडवेज को भी लंबी दूरी की कवायद ना करनी होती। दरअसल यह मजदूर गुजरात में क्वॉरेंटाइन नहीं हुए हैं,बल्कि थर्मल स्क्रीन से ही काम चलाया जा रहा है,ऐसे में अब देखने वाली बात यह होगी प्रवासी मजदूरों के आने पर जिला प्रशासन आखिर और क्या सख्त कदम उठता है।