उत्तर प्रदेश में विधान परिषद की 12 सीटों पर चुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया है. निर्वाचन आयोग ने बुधवार को विधान परिषद चुनाव का पूरा कार्यक्रम जारी कर दिया. जारी चुनाव कार्यक्रम के अनुसार अधिसूचना 11 नवंबर को जारी की जाएगी. प्रत्याशी 11 से 18 जनवरी तक पर्चा दाखिल कर सकेंगे. 19 जनवरी को नामांकन पत्रों की जांच और 21 जनवरी को नाम वापसी होगी. मतदान 28 जनवरी को सुबह नौ बजे से शाम चार बजे तक होगा. उसी दिन शाम पांच बजे से मतगणना भी शुरू हो जाएगी.
मौजूदा विधायकों की संख्या के आधार पर बीजेपी 12 में से 10 सीटें जीतना की संभावना है. वहीं, 9 विधायकों वाले अपना दल की मदद से बीजेपी अपना 10वां उम्मीदवार को भी उच्च सदन भेज सकती है. वहीं, सपा के खाते में एक सीट पक्की है जबकि बसपा का एक सीट पर भी चुनाव जीतन मुश्किल है. कांग्रेस, सपा, निर्दलीय और ओम प्रकाश राजभर मिलकर भी एक सीट जीत सकते हैं. स्वतंत्र देव सिंह और दिनेश शर्मा को उच्च सदन में फिर से नामित किया जा सकता है जबकि शेष छह सीटों के लिए दौड़ जोर पकड़ रही है. समाजवादी पार्टी, जिसके पास केवल 49 विधायक हैं, वह परिषद में 14 वोट शेष रहते हुए एक सीट को आसानी से बरकरार रख सकती है. विधान परिषद में जो 12 सीट खाली हो रही हैं उनमें समाजवादी पार्टी के अहमद हसन, रमेश यादव, आशु मलिक, रामजतन राजभर, वीरेंद्र सिंह और साहब सिंह सैनी हैं. भारतीय जनता पार्टी के डॉ. दिनेश शर्मा, स्वतंत्र देव सिंह और लक्ष्मण प्रसाद आचार्य हैं. बहुजन समाज पार्टी के धर्मवीर सिंह अशोक, प्रदीप कुमार जाटव और नसीमुद्दीन सिद्दीकी का कार्यकाल समाप्त हो रहा है. इनमें नसीमुद्दीन कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं. उनकी विधान परिषद की सदस्यता खत्म की जा चुकी है. उत्तर प्रदेश विधान परिषद में सौ सदस्य हैं. इसमें बहुमत के लिए 51 का आंकड़ा चाहिए. विधान परिषद शिक्षक क्षेत्र के चुनाव से पहले सपा के 52, भाजपा के 19, बसपा के आठ, कांग्रेस के दो और अपना दल सोनेलाल व शिक्षक दल के एक-एक के साथ तीन निर्दलीय सदस्य थे. इसके साथ 14 सीटें खाली थीं, जिनमें पांच स्नातक और छह शिक्षक कोटे की सीटों पर चुनाव हुए.