शहर में इन दिनों प्रदूषण चरम पर है। एक बार फिर कानपुर का नाम सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में शामिल हो गया है. धूल व धुएं के कणों ने शहर की फिजा बिगाड़ दी है. तापमान गिरने के साथ ये कण निचली सतह पर स्थिर होकर प्रदूषण बढ़ा रहे हैं. बढ़ते प्रदूषण के कारण मंगलवार को पीएम-2.5 की मात्रा देश में सर्वाधिक दर्ज की गई. इसके साथ ही शहर फिर सबसे प्रदूषित बन गया है. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की सूची में कानपुर शहर पहले स्थान पर है, जबकि दूसरे नंबर पर गाजियाबाद व तीसरे नंबर पर हरियाणा के धारूहेड़ा का नंबर आता है.
धूल से भर गया शहर का चप्पा-चप्पा
शहर में जगह-जगह निर्माण, वाहनों की बढ़ती संख्या व कुछ औद्योगिक इकाइयों से उत्पादन के दौरान निकलने वाला जहरीला धुआं लगातार प्रदूषण बढ़ा रहा है. पारा गिरने से धूल व धुएं के कण ऊपरी सतह पर नहीं जाकर निचली स्तर पर घूमते रहते हैं. ऐसे में आम आदमी इन कणों से घिरा हुआ है. इन कणों के संपर्क में आने के साथ ही ये सांस के जरिए हमारे शरीर में प्रवेश कर जाते हैं और फेफड़े व हृदय को नुकसान पहुंचाते हैं.