कानपुर:- आप सभी ने भगवान श्रीराम का 14 वर्षों का वनवास और 14 वर्षों में भगवान श्री राम के साथ घटी हुई सभी लीलाएं अवश्य सुनी होगी या पढ़ी होंगी,लेकिन कलयुग में भी एक कहानी ठीक वैसी ही है जिसे आज हम आपको बताने जा रहे हैं। यह कहानी एक ऐसी बुजुर्ग महिला की है जो मानसिक रूप से स्थिर नहीं थी,जिसकी वजह से वह 14 वर्ष पहले प्रयागराज से गायब हो चुकी थी,गायब होने के बाद बुजुर्ग महिला के बेटों ने अपनी मां को खोजने का अथक प्रयास किया था,लेकिन हर तरफ से निराशा हाथ लगने के बाद निराश बेटों ने मां को मृतक समझ कर तेरहवीं की तैयारी भी कर ली थी,लेकिन उत्तर प्रदेश पुलिस ने चमत्कार कर दिखाया।
14 वर्ष बाद अपने बेटों से मां को मिलाकर खाकी ने अपनी शपथ का पूरा ख्याल रखा है,आपको बता दें कि 14 वर्ष बाद मददगार बनी खाकी जब उन बेसहारा बेटों के दरवाजे पर उन बेटों की मां को लेकर पहुंची तो उनकी खुशी का ठिकाना ही ना रहा,14 वर्षों के बाद बेटों ने जब अपनी बूढ़ी मां को अपनी आंखों के सामने देखा तो उनकी आंखों में खुशी के आंसू गंगा की धारा की तरह बह चले। 14 वर्ष पहले बिछड़ जाने के बाद जब कानपुर पुलिस ने बेसहारे बेटों को उनकी मां से वापस मिला दिया तो यह कहानी चारों ओर अपने आप में दर्द समेटे हुए काफी तेजी से फैल गई।
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आपको बता दें कि यह कहानी है प्रयागराज के धूरपुर गांव निवासी हंस लाल सिंह की जिनकी 70 वर्षीय पत्नी सीता देवी पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक साल 2006 में अपने घर से अचानक गायब हो गई थी,आपको बता दें कि सीता देवी के 3 पुत्र हैं,जिसमें बड़े पुत्र का नाम संजीव कुमार है,संजीव के मुताबिक मां की मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी,जिसकी वजह से 14 वर्ष पहले वह अचानक ही घर से कहीं गायब हो गई,जिसके बाद मां की तलाश में प्रयागराज समेत कई रिश्तेदारों तथा परिचितों के घर में मां को ढूंढना शुरू कर दिया,लेकिन हर तरफ से उनके हाथ में बस निराशा ही हाथ लगी।
संजीव ने बताया कि जिसने जहां बताया हमने वहां अपनी मां की तलाश की लेकिन पता नहीं चल पाया कि आखिर उनकी मां कहां गायब हो गई है,जिसके बाद पुलिस को तीनों पुत्रों ने अपने मां के लापता होने की जानकारी दी इसके बाद पुलिस ने भी अपनी जांच शुरू कर दी,लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। वहीं 14 वर्ष बीतने के बाद कुछ दिनों पहले ही परिवार में मां के अंतिम संस्कार की चर्चा भी हो रही थी,लेकिन इसी बीच पुलिस उनके घर पहुंची और फिर पूरे परिवार वालों की खुशी का ठिकाना ही नहीं रहा।
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आपको बता दें कि 14 वर्ष में 70 साल की बुजुर्ग सीता देवी दरबदर भटकती रहीं,पिछले एक हफ्ते से वह कानपुर के सचेंडी के आसपास भटक रही थी,जहां स्थानीय लोग उन्हें भोजन और पानी दे दिया करते थे,वहीं शुक्रवार को जब सीता देवी अचानक बेहोश हो गई तो लोगों ने इसकी सूचना पुलिस को दी,जिसके बाद सचेंडी थाना पुलिस ने पूछताछ की लेकिन कुछ भी पता नहीं चल सका,वहीं महिला के होश में आने के बाद जानकारी हासिल की तो उन्होंने सिर्फ घूरपुर ही बोला,इसके पास सचेंडी थाना अध्यक्ष ने आसपास के जनपदों में घूरपुर इलाके के बारे में खोजबीन की इसके बाद सचेंडी थाना अध्यक्ष को यह इलाका प्रयागराज में होने की जानकारी मिली।
जिसके बाद वृद्ध महिला की फोटो को प्रयागराज पुलिस के पास भेजा गया वही प्रयागराज में पुलिस सक्रिय हुई और लापता महिला का घर पता लगा लिया,वहीं जब परिजनों को पता लगा कि प्रयागराज पुलिस ने वृद्धा के बेटे उदय की बातचीत सचेंडी पुलिस से कराई इसके बाद उनके बेटों को मां की फोटो लेकर आने के लिए कहा गया,वहीं रविवार को तीनों बेटों ने सचेंडी थाना पुलिस को मां की फोटो दिखाई, जिसके पास सीता देवी ने अपने बेटे उदय को पहचान लिया,इसके बाद पूरे सचेंडी थाना परिसर में आंसुओं का सैलाब फूट पड़ा।
आपको बता दें कि 14 वर्ष तीनों बेटे मां से मिले तो खूब रोए,तीनों बेटों ने कहा कि हमने मां को वापस पाने की उम्मीद खो दी थी लेकिन उत्तर प्रदेश पुलिस ने यह चमत्कार कर दिखाया और 14 वर्ष बाद फिर उन्हें उनकी मां से मिला दिया।
{रिपोर्ट : उपेन्द्र }