सांसद सत्यदेव पचौरी ने किसान आंदोलन को लेकर बड़ी टिप्प्णी की है. अपने आवास पर आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में सांसद पचौरी ने कहा कि इस आंदोलन में कुछ राष्ट्रविरोधी ताकतें जुड़ रही हैं. यही नहीं, आंदोलन के जरिए खालिस्तान समर्थक फिर पैर जमाने में लगे हैं.
सांसद सत्यदेव पचौरी ने कहा कि खालिस्तान समर्थक इस आंदोलन को विध्वसं की ओर ले जाना चाहते हैं. कनाडा की घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि वहां पर महात्मा गांधी की प्रतिमा पर खालिस्तान समर्थक झंडे लगाना दुर्भाग्यपूर्ण है. इस आंदोलन के जरिए वह अपने पैर जमाने की पूरी कोशिश में लगे हुए हैं. खालिस्तान समर्थकों के इरादों को गलत बताते हुए यह आंदोलन जितनी जल्द खत्म हो जाए, उतना बेहतर है. उन्होंने कहा कि कृषि बिल 2020 का विरोध कुछ राजनीतिक दल कर रहे हैं, उनकी अपनी जमीन भी नहीं बची है. राजनीतिक दलों को 2024 का अपना परिणाम अभी से दिख रहा है, इसलिए वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हर कदम का विरोध कर रहे हैं. उन्हेंं यह भी डर है कि जनसंख्या नियंत्रण पर बिल ना आ जाए. किसान की बात किसान को करनी चाहिए. सरकार खुद किसानों से पूछ रही है कि कौन सी धारा गलत लग रही है, वे बताएं तो उसमें संशोधन कर दिया जाएगा लेकिन वे तीनों बिल को वापस करने की बात कह रहे हैं. उन्होंने कहा कि अकाली दल इसलिए विरोध कर रहा है क्योंकि पंजाब की मंडियों पर उसके लोगों का कब्जा है. किसान घर पर बैठे हैं और बिचौलिए आंदोलन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि ना तो मंडी समिति खत्म होगी ना ही न्यूनतम समर्थन मूल्य.