देशभर में कोरोना वायरस का संक्रमण तेज़ी से बढ़ता जा रहा है और इस संक्रमण की अबतक कोई भी दवा नही बन सकी है,हालांकि दुनिया भर की दवा कम्पनियों ने कोरोना की वैक्सीन पर शोध करना शुरू कर दिया है,तमाम सरकारें भी इस पर नज़र बनाए हुए हैं लेकिन कानपुर में होमियोपैथिक चिकित्सकों का दावा आपको हैरान कर देगा।
बता दें कि कोरोना से जंग सिर्फ वही जीत सकते हैं जिसके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत हो। आपको बता दें कि कानपुर में होमियोपैथी के 13 चिकित्सकों ने रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढाने वाली दवा के शोध का दावा किया है,आर्ट होमियोपैथी की कोर ग्रुप टीम का कहना है कि इस दवा का शोध विभिन्न राज्यों में प्राप्त हुए कोरोना वायरस के लक्षणों के बाद किया गया है।
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सिविल लाइंस के आगमन गेस्ट हाउस में हुई प्रेस वार्ता के दौरान पूरे शोध की जानकारी देते हुए सीनियर होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ हर्ष निगम ने बताया कि कोरोना से लड़ने वाली दवा के शोध में आर्स एल्ब 30,ब्रियोनिया एल्ब 30 जैसी दवाओं की खुराक दी गयी,इन सभी दवाओं को प्रोफिलैक्सिक दवाओं के रूप में दिया गया,इसके अलावा कोविड पॉजिटिव रोगियों को होम आइसोलेशन के दौरान एकोनाइट 200,ब्रायोनिया 30,आर्स एल्ब 30 को भी आजमाया गया।
उन्होंने बताया कि यह दवाएं अभी तक के इस्तेमाल में 90% तक असर दिखा रही हैं,भले ही कोई कोरोना के संदिग्ध के सम्पर्क में रह हो यह दवा उसे भी घर पर स्वास्थ्य कर सकती हैं और यह दवाएं एक वरदान की तरह साबित होंगी,जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि यह दवाएं मास्क ओर सैनिटाइजर से काफी कम कीमत पर उपलब्ध हैं।
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गौरतलब है कि 2006 में चिकनगुनिया महामारी के समय भी डॉ हर्ष निगम ने शोध किया था,जिसे थाईलैंड सरकार ने काफी सराहा था,उन्होंने यह भी बताया कि होम्योपैथी दवाओं का प्रभाव हमेशा पॉजिटिव होता है इनका कोई भी दुष्प्रभाव नही है। प्रेस वार्ता में डॉ. हर्ष निगम के अलावा कानपुर से डॉ. संतोष तिवारी, डॉ. अरूणिम महेश्वरी और डॉ. मुदित कनौजिया, जयपुर से डॉ. विवेक मोहन गुप्ता, लुधियाना से डॉ. रवजीत सिंह सलूजा, गौतमबुद्धनगर से डॉ. बीएन यादव, बरेली से डॉ. सुरेंद्र गंगवार, लखनउ से डॉ. सुनील कुमार यादव और डॉ. जय वर्मा, गोरखपुर से डॉ. अतुल कुमार सिंह, रायबरेली से डॉ. अलकाब हसन नजर और दिल्ली से डॉ. मुकेश गौतम इसमें शामिल रहे.