उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद (Ghaziabad) में हुई दर्दनाक घटना के बाद से निर्दोष लोगों की मौत का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. अब तक इस घटना में 25 लोगों की जान चली गई है. इस घटना को लेकर लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) बेहद नाराज है. सोमवार को समीक्षा बैठक के दौरान सीएम योगी अफसरों पर जमकर बरसे. उन्होंने लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ खिलाफ कड़ी कार्रवाई के संकेत दिए हैं. वहीं बैठक के दौरान सीएम ने निर्माण कार्यों की जांच के निर्देश दिए. योगी ने 50 लाख रुपये से अधिक लागत वाले हर निर्माण पर जांच के निर्देश दिए हैं. उन्होंने अफसरों को सख्त चेतावनी देते हुए लापरवाह अफसरों पर बड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.
बताया जा रहा है कि आज देर शाम कर अफसरों पर गाज गिर सकती है. इस पहले सीएम योगी आदित्यनाथ के आदेश के बाद न सिर्फ जिला प्रशासन बल्कि मंडल आयुक्त मेरठ और आईजी रेंज मेरठ भी मौके पर डटे हुए हैं. यूपी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस हादसे में मृतकों के आश्रितों को दो-दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए हैं.
नगरपालिका EO, JE व सुपरवाइजर गिरफ्तार
उधर, 25 लोगों की हुई मौत मामले में आज पुलिस (Police) ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. मुरादनगर नगरपालिका की अधिशाषी अधिकारी निहारिका सिंह, जूनियर इंजीनियर चंद्रपाल और सुपरवाइजर आशीष को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. मामले में ठेकेदार अजय त्यागी अभी भी फरार चल रहा है. इससे पहले अधिशासी अधिकारी, ठेकेदार अजय त्यागी, जेई सीपी सिंह, सुपरवाईजर आशीष समेत अन्य अज्ञात व संबंधित अधिकारियों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या की एफआईआर (FIR) दर्ज की गई थी.
गौरतलब है कि दो महीने पहले ही इस गलियारे का निर्माण किया गया था. 15 दिन पहले इसे आम लोगों के लिए खोला गया था. इतना ही नहीं अभी इसका लोकार्पण भी नहीं हुआ था. घटिया निर्माण की वजह से हुए इस हादसे ने अधिकारियों और ठेकेदारों की मिलीभगत की पोल खोल दी है.
ऐसे हुआ हादसा
रविवार सुबह एक फल विक्रेता के अंतिम संस्कार में कई लोग शामिल होने के लिए बंबा श्मशान घाट पहुंचे थे. इसी दौरान बारिश की वजह से कई लोग गलियारे में खड़े थे. इसी दौरान नवनिर्मित गलियारे का लिंटर भरभराकर गिर गया. इसकी चपेट में आकर 25 लोगों की मौत हो गई. इसके बाद मौके पर पुलिस, पीएसी और एनडीआरएफ पहुंची और राहत बचाव कार्य शुरू किया.