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देश की 5 सबसे खतरनाक स्पेशल फ़ोर्स,पलक झपकते दुश्मन का खेल खत्म

भारत हमेशा से ही अपने पड़ोसी देशों की वजह से आतंकवाद को झेलता रहा है, दुनिया के सातवें सबसे बड़े देश होने की वजह से भारत के अंदर आतंकवाद एक बड़ी समस्या है और इतने बड़े देश की सुरक्षा करना आसान बात नही होती,आप सभी लोग हॉलीवुड की मूवी देख कर यह सोचते होंगे कि काश भारत में भी अमेरिका और इसराइल जैसे खूंखार स्पेशल फ़ोर्से हो तो क्या बात है लेकिन शायद आप यह नहीं जानते कि भारत मे कई ऐसी सेप्शल फ़ोर्स हैं जिनका रूतबा अमेरिकी ओर इजराइली फोर्सेज से भी बढ़ के है। जो दुश्मन को बिना किसी आहट के के चकमा देने में सक्षम है तो आइए आज इस आर्टिकल में हम आपको भारत के 5 स्पेशल फोर्स के बारे में बताएंगे जिनके बारे में सुनकर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे तो चलिए शुरू करते हैं.


NSG/नेशनल सिक्योरिटी गार्ड

NSG

नेशनल सिक्योरिटी गार्ड:- एनएसजी या फिर ब्लैक कैट के नाम से प्रसिद्ध देश की सबसे ज्यादा देखे जाने वाली फौज है,इसका इस्तेमाल आतंकवाद को रोकने वीवीआइपी की सुरक्षा और देश के आंतरिक सुरक्षा को लेकर किया जाता है एनएसजी कमांडो हमेशा काले रंग के नकाब काले रंग के बूट और काले रंग के ही कपड़ों में नजर आते हैं,1984 के ऑपरेशन ब्लू स्टार के बाद से NSG को देश के सामने लाया गया था जिसके बाद से आज तक तक तक एनएसजी ने 2 दर्जन से ज्यादा ऑपरेशंस किए हैं जिसमें वह आज तक कभी भी असफल नहीं हुए. मुंबई में हुए 26/11 के आतंकी हमले में एनएसजी ने काफी अच्छी भूमिका निभाई थी इसके लिए उन्हें आज भी याद किया जाता है NSG अपने काम को करने के लिए कभी भी नहीं हिचकीचाती फिर चाहे वह दुश्मन को ढूंढ कर निकालना हो या फिर देश में घुसे आतंकवादी को खत्म करना एनएसजी न सिर्फ भारत बल्कि दुनिया की सबसे खतरनाक स्पेशल फोर्स में शुमार करती में शुमार करती है आज भारत के एनएसजी कमांडोज की गिनती अमेरिका व इजरायल के कमांडोज के कमांडोज के साथ होती है.


Garun Force/गरुण फोर्स

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गरुण फोर्स :- भारतीय वायुसेना की स्पेशल फोर्स गरुण फोर्स की स्थापना की बात तब से शुरू हुई जब 2001 में आतंकियों ने जम्मू और कश्मीर में भारतीय वायुसेना के एयर बेस पर हमला किया था आसमानी रक्षक गरुण फोर्स का गठन 2004 में एयरफोर्स डे के दिन किया गया था गरुड़ फोर्स आसमान से हमला करने में माहिर है,अपने हुनर से गरुड़ फोर्स को यह पता होता है कि दुश्मन की सीमा में घुसकर उन पर कब वार करना है गरुड़ फोर्स की ट्रेनिंग भारत की सबसे सफल स्पेशल फोर्स द्वारा की गई है,गरुड़ फोर्स को 2004 में दुनिया के सामने लाया गया था गरुड़ कमांडो काफी खूंखार होते हैं और यह दुनिया के सबसे अत्याधुनिक हथियारों से लैस होते हैं गरुड़ कमांडो का मोटो है प्रहार से सुरक्षा गरुड़ कमांडो हर तरह के प्रहार से देश की सुरक्षा करने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं हाल ही में हुई पाकिस्तान में सर्जिकल स्ट्राइक भी गरुण कमांडो द्वारा ही की गई थी जो कि एक सफल ऑपरेशन एक सफल ऑपरेशन था गरुड़ कमांडो का आज तक कोई भी ऑपरेशन फेल नहीं हुआ है.


Marcos/मारकोस

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मारकोस :– मार्कोस कमांडो भारतीय नौसेना के वह जांबाज हैं जो हर तरह के कार्यों में माहिर है है लड़ाई आसमान में हो जमीन पर या फिर पानी में मार्कोस कमांडो हर जगह लड़ने में सक्षम है मार्कोस कमांडो को दाढ़ी वाली फौज के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि यह नागरिकों नागरिकों वाली जगह में दाढ़ी बढ़ाकर रहते हैं कारगिल युद्ध और मुंबई 26/11 हमले में मार्कोस कमांडो नहीं सेना और एनएसजी का साथ दिया था मार्कोस बनने की ट्रेनिंग 3 साल की होती है और खास बात यह है कि मार्कोस बनने के लिए 20 से 24 साल के सैनिकों का ही चयन किया जाता है अपनी ट्रेनिंग के दौरान मार्कोस अमेरिका की नेवी सील और ब्रिटिश की स्पेशल फोर्स के साथ काम करते हैं जिससे वह हर तरफ से लड़ने के लिए तैयार हो जाते हो जाते तैयार हो जाते हो जाते हैं मार्कोस कमांडो घंटों पानी के अंदर रह सकते हैं और कभी भी दुश्मनों पर सामने से जाकर प्रहार भी कर सकते हैं मार्कोस कमांडो हाथ पैर बंधे बंधे होने पर भी पानी में तैर सकते हैं यह कमांडो नागरिकों के बीच में आने से बचते हैं नौसेना के एक अधिकारी बताते बताते अधिकारी बताते बताते हैं की मार कोच बनने के बाद कमांडोज के कोच बनने के बाद कमांडोज के बनने के बाद कमांडोज के परिवारों को भी नहीं पता होता कि उनका बेटा मार्कोस कमांडो है क्योंकि जिंदगी और मौत से लड़ना इन कमांडोज का रोज का काम है।


Ghatak Force/घातक फोर्स

Ghatak Commando Force

घातक फोर्स:- इंडियन आर्मी की स्पेशल फोर्स घातक फोर्स हमेशा युद्ध के वक्त सबसे आगे रहती है घटकपुर का काम है दुश्मनों को चौका ना घातक पोस्ट के कमांडो हमेशा सामने से वार करते हैं और उनके युद्ध लड़ने की तकनीक को देखकर देखकर दुश्मन खुद घबरा जाते हैं घातक कमांडो फोर्स में 20 लोगों की पलटन होती है जो अन्य सैनिकों के आगे चलती है और सबसे पहले दुश्मन पर यही हमला करते हैं घातक फोर्स दुश्मनों के क्षेत्र में छापा मारते हुए सबसे पहले जाते हैं और दुश्मनों को छिपने का मौका तक नहीं देते इतना ही नहीं बड़े-बड़े जंगी हथियारों के साथ भी के साथ भी घातक कमांडो सबसे आगे रहते हैं कारगिल के युद्ध में भी घातक कमांडो उसका सबसे ज्यादा योगदान रहा था घातक कमांडो का बन्ना एक काफी लंबी ट्रेनिंग से होकर गुजरना होता है जिसमें इन्हें पहाड़ों पर चढ़ने से लेकर गुफाओं को खोजने तक का हुनर सिखाया जाता है यही नहीं इन्हें सैकड़ों किलोमीटर दौड़ाया भी आता है वह भी हाथों में बंदूक और पीठ पर 50 किलो वजन के साथ इस प्रकार घातक कमांडो शारीरिक रूप से काफी मजबूत हो जाते हैं.


PARA special force/पैरा कमांडो

para commando
पैरा स्पेशल फोर्स :- पैरा कमांडो भारत की सबसे सफल कमांडो फोर्स में से एक है पैरा कमांडो जमीनी नहीं आसमान में लड़ने के लिए भी सक्षम होते हैं 1971 और 99 में हुई जंग के समय पैरा कमांडोज ने अहम भूमिका निभाई थी परा कमांडोज पैराशूट से कूदकर दुश्मनों के क्षेत्र में घुस जाते हैं और दुश्मनों पर सामने से वार करने के लिए इन्हें एक स्पेशल ट्रेनिंग भी दी जाती है पैरा कमांडोज भारतीय सेना के पैराशूट रेजीमेंट पैराशूट रेजीमेंट से लिए जाने वाले जवान है जिनकी चेन्नई लगभग डेढ़ साल तक होती है पैरा कमांडो उसका उसका नाम लोगों के सामने तब आया जब भारतीय सेना ने पाकिस्तान पर सर्जिकल स्ट्राइक की थी जिसमें पैरा कमांडोज ने ने पाकिस्तान के कश्मीर में घुसकर आतंकियों के ठिकानों को खत्म कर दिया था जिसके बाद से सबकी जुबान पर पैरा कमांडो उसका नाम जरूर सुना जाता है पैरा कमांडो आतंकियों से निपटने और बंधकों को छुड़ाने के लिए माहिर होते हैं पैरा कमांडो फोर्स भारत की सबसे पुरानी पैराशूट रेजीमेंट वाली लगभग 3 साल तक चलने वाली पैरा कमांडो की ट्रेनिंग में 20% सैनी की कमांडो बन पाते हैं.


तो यह थे भारत के पांच पांच सबसे खतरनाक स्पेशल फोर्सेज जो जो देश की सुरक्षा के लिए हमेशा खड़े रहते हैं देश के लिए हंसते-हंसते अपनी जान कुर्बान करने वालों इन कमांडोज का जीवन जीवन काफी कठिन होता है लेकिन फिर भी देश के लिए अपनी जान देने तक के लिए तैयार होते हैं ऐसे में भारत की समस्त सेनाओं को हम सबका नमन है

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